1. घर पर भोजन करें बाहर भोजन करना महंगा विकल्प है।
3.
यदि आप होटल के बाहर भोजन करना चाहता था, वहाँ भी जैसे
4.
शायद इसीलिए इस जनजाति की पारिवारिक योजना में स्त्रियों की प्रधानता है और पुरुषों को अब भी घर के बाहर भोजन करना पड़ता है।
5.
कार्यस् थल पर तनाव, काम के लंबे घंटे, बाहर भोजन करना, भोजन का सही समय न होना, शारीरिक क्रियाकलापों में कमी और अपने शरीर के प्रति लापरवाह रवैया अपनाने का खामियाजा बेचारे दिल को भुगतना पड़ता है।
6.
भले ही इस अवधारणा का कोई वैज्ञानिक आधार न हो, भले ही भौतिक और मानसिक धरातलों के बीच के संबंध के सूत्र न मिले हों, भले ही भोजन-पाचन को रसायनिक क्रियाओं के परे न समझा जा सका हो, भले ही आज भी कई घरों में भोजन बनाने वाले के ऊपर पवित्रता की घोर कटिबद्धता हो, भले ही चुपके से बाहर भोजन करना कई घरों में हीन दृष्टि से देखा जाता हो, पर हम सब कहीं न कहीं यह अनुभव अवश्य करते हैं कि प्यार से बनाये खाने में एक आत्मीय अनुपात होता है।